जिंदगी तो कॉलेज में ही है.....
जिंदगी की हर रुत
जीने को मिली यहाँ
कभी टकरार तो कभी प्यार
सबकुछ था, सबकुछ रहा
बस हम ही चले जायेंगे
साला ! चुपके से किसी ने कहा ||
जीने को मिली यहाँ
कभी टकरार तो कभी प्यार
सबकुछ था, सबकुछ रहा
बस हम ही चले जायेंगे
साला ! चुपके से किसी ने कहा ||
हर किसी की अलग राह
कोई मैदान की दौड में आगे
कोई बेफिक्र, तो किसी की कलम भागे
किसी की सुबह जल्दी हो ,
तो साला! कोई रात भर जागे ||
तो किसी की रात, बस फोन पर बीती
बगल में बिना टिकेट, कोई दिखता मुवी
तो कोई रोता, मेरे को एक लड़की न मिली
साला ! तेरे प्यार में कितनी डूबी ||
तो बगल में वही प्लेट रखी थी
जिसमे दोस्त मेरा दस - दस रोटियां धरता
ऊँगली की नहीं, की चिल्ला कर कहता
साला! और लूँगा अगर पेट नहीं भरता ||
हम ही जाने , दोस्त क्या है
दोस्तों का क्या प्यार होता है
साला ! नाम ही बदल दिया जाता है
बड़े प्यार से जो माँ बाप से आता है ||
exam आये नहीं की ,
साला ! नींद ही सोने चले जाती है ||
मै रोज वादे करता हूँ
अब सब कुछ सही होगा
मै रोज इरादे करता हूँ
बस एक ही वादा निभाता हूँ
की साला ! मै रोज एक वादा करता हूँ ||
जिसके पास पैसा है उसे खर्च की परेशानी है
साला ! जिसके पास नहीं, उसे अगले महीने की सोच के पिछले महीने की उधार चुकानी है ||
कुछ रिश्ते बनेंगे , कुछ बनते बनते टूटेंगे
तो कुछ आखिरी में जाकर छूटेंगे
हम तो चले जायेंगे
लेकिन साले ! अब पीछे वाले मज़े लूटेंगे ||
prabhu....
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